Types of operating system (ओपरेटिंग सिस्टम के प्रकार)

इस article में हम  types of operating system के बारे में सरल व आसान भाषा में जानेंगे ..
तो चलिए start करते हैं……


Types of operating system :-

 जैसे कि हम जानते हैं। कि user एवं system की आवश्यकतानुसार विभिन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम मार्केट में उपलब्ध हैं यूजर अपनी आवश्यकता अनुसार इसका प्रयोग कर सकते हैं वे इस प्रकार है।
1:-  बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम( batch processing operating system)
2- मल्टी प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम( multi -programming operating system)
3- मल्टी प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम( multi -processing operating system)
4- टाइम शेररिंग /मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम(time sharing / multitasking operating system)
5- रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम( real time operating system)
6- डिस्ट्रीब्यूटिड ऑपरेटिंग सिस्टम(distributed operating system)


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1- बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम( batch processing operating system):-

बैच  प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में एक तरह की आवश्यकताओ वाली जॉब को एकजुट कर दी  जाती है एक  जैसी जॉब के समूह को हम बैच(batch)  कहते हैं
बैच  प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में कंप्यूटर द्वारा बहुत सी समय की बचत होती है यह कई तरह की एप्लीकेशन के लिए सर्वोत्तम है इसमें  first come first served ऑपरेटिंग सर्व के नियम से प्रोसेसिंग होती है


2- मल्टी प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम( multi -programming operating system):-

मल्टी प्रोग्रामिंग environment  में सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का सर्वोत्तम प्रयोग होता है इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम जॉब को उचित तरीके से सूचीबद्ध कर देते हैं जिस कारण से सिस्टम का प्रदर्शन बेहतर हो जाता है
इसमें एक साथ एक से ज्यादा जॉब cpu टाइम का प्रयोग करती है जब एक प्रोग्राम मेंन मैमोरी में एग्जीक्यूशन प्रारंभ करता है इसी दौरान प्रोसेसर दूसरे इनपुट / आउटपुट ऑपरेशन को read या run होने के लिए तैयार कर देता है यह प्रोसेस इसी तरह लगातार चलता है तथा cpu/processor  का प्रदर्शन बेहतर बना रहता है।

3- मल्टी प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम( multi -processing operating system):-

मल्टी प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में दो परस्पर जुड़े कंप्यूटर अलग-अलग CPU/ प्रोसेसर के साथ कॉमन मेन मैमोरी एवं hard disk साझा(share) करते हैं
स्वतंत्र CPU प होने के कारण इसमें एक साथ अपने-अपने प्रोग्राम को execute कराने की ability( क्षमता) होती है अर्थात एक समय में एक से ज्यादा प्रोग्राम एक भिन्न(different)  CPU द्वारा प्रोसेस होता है।

4- टाइम शेररिंग /मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम(time sharing / multitasking operating system):-

टाइम शेयरिंग अथवा मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम में कंट्रोल प्रोसेसिंग यूनिट टाइम को विभिन्न users कंप्यूटरो  के लिए बाँट दिया जाता है प्रत्येक यूजर्स को अपना टाइम स्लॉट प्रयोग करना होता है।
टाइम स्लॉट को राउंड रॉबिन एल्गोरिथ्म ( round robin algorithm) के आधार पर प्रत्येक कंप्यूटर को एक quantam दिया जाता है तथा बारी-बारी से सब प्रोसेस को एग्जीक्यूशन ( Execution)  करना होता है ये  साइकिल लगातार चलती रहती है। जब process पूर्णतः एक्सएक्यूट ना हो जाए। पहला process  खत्म हो जाने के बाद यह time स्लॉट अन्य अथवा बचे हुये process को दे दिया जाता है।
Time slot allotment बहुत तेज होता है जो user को  पता नहीं चलता।

5- रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम( real time operating system):-

रियल टाइमिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोसेसिंग हमेशा ऑनलाइन होती है इसमें बहुत सारी घटना बहुत कम समय अथवा दी गई समय सीमा में होती है रियल टाइम सिस्टम प्राथमिकता के आधार पर घटनाओं (events) को प्रोसेस करते हैं तथा इसमें प्रोसेस को तेजी से  प्रतिक्रिया टाइम दिया जाता है जिसमें घटना कार्यन्वित करना होता है।
रियल टाइमिंग सिस्टम दो प्रकार के होते हैं

(A) स्टाफ रीयल टाइमिंग सिस्टम(soft real-time system) :- इसमें प्रत्येक task को प्राथमिकता के आधार पर execute होना होता है यदि दी गई समय सीमा में प्रोसेस/ task  पूरी नहीं होती तो पुनः प्रयास होता है जब तक की वह पूरा ना हो जाए यह सिस्टम वहाँ प्रयोग होता है यहाँ task का पूरा न होने से  कोई विनाश यहां बड़ी परेशानी नहीं होती है।
जैसे:- मल्टीमीडिया , एप्लीकेशन , वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि।
(B) हार्ड रियल टाइमिंग सिस्टम(hard real time system) :-  इस सिस्टम में दी गई समय सीमा में task(कार्य) का पूरा होना अत्यंत आवश्यक होता है अथवा इसके बहुत विनाशकारी परिणाम होते हैं
उदाहरण के लिए रेल कंट्रोल डिवाइस,  एरोप्लेन कंट्रोल डिवाइस इत्यादि

6- डिस्ट्रीब्यूटिड ऑपरेटिंग सिस्टम(distributed operating system):-

डिस्ट्रिब्यूटिड ऑपरेटिंग सिस्टम आपके यूजर् को एक साधारण केंद्रीय ऑपरेटिंग सिस्टम की तरह प्रतीत होता है लेकिन इसमें बहुत से स्वतंत्र CPU’s   चलते रहते हैं इसका मुख्य गुण है इसकी पारदर्शिता( transparency)
इसमें बहुत से प्रोसेसर का प्रयोग यूजर को पता नहीं चलता डिस्ट्रिब्यूटिड ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम को एक समय में बहुत सारे प्रोसेसर में चलने की अनुमति देता है।


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