Types of programming in Hindi

Types of programming :- Computer एक digital machine है computer तभी कोई काम कर सकता है जब उसे किसी काम को करने के लिए program किया गया हो । programming दो तरह की होती है

एक programming वह होती है जो किसी computer को काम करने के लायक अवस्था मे लाने के लिए की जाती है इस programming को भी दो भागों में बांटा जा सकता है

Hardware programming :-  इस programming में अंतर्गत computer के hardware यानी computer के motherboard पर लगाये गए विभिन्न प्रकार के chips व computer से जुड़े हुए अन्य विभिन्न प्रकार के peripherals जैसे कि keybord ,mouse , speaker , monitor , hard-disk ,  पर एक BIOS chip लगाई जाती है इस BIOS chip का मुख्य काम computer को on करते ही विभिन्न प्रकार के devices को check करना होता है यदि कंप्यूटर के साथ जुड़ी हुई कोई device ढंग से काम नही कर रही है तो BIOS user को विभिन्न प्रकार की error messages देता है।
BIOS chip के अन्दर ही program को लिखने का काम BIOS बनाने वाली company करती है इसे hard care programming या firmware कहा जाता है hardware programming में chip को बनाते समय ही उसमे programming कर दी जाती है किसी भी computer के motherbord पर लगी BIOS CHIP यदि खराब हो जाये तो computer किसी भी हालत में काम करने लायक अवस्था मे नही आ सकता है यानी computer कभी boot नही होता है।
Software programming:-   computer को काम करने लायक अवस्था मे लाने के लिए सॉफ्टवेयर को बनाया जाता है जिसे  operating system software कहते है Bios chip का काम पूरा होने के बाद computer का पूरा control , operating system सॉफ्टवेयर के पास आ जाता है computer के पास BIOS से controlling आने के बाद सबसे पहले memory में load होने वाला software operating system software ही होता है इसे master software भी कहते हैं।
आज विभिन्न प्रकार के operating system software बन चुके हैं जैसे  doS , windows , unix , linux , etc..
इन सभी software का मुख्य काम computer को बूट करके user के काम करने योग्य अवस्था मे लाना होता है।
दूसरी programming वह programming होती है जिसमे computer हमारी बात को समझता है और हमारी इच्छानुसार काम करके हमे परिणाम प्रदान करता है इन्हें application software कहा जाता है।

Leave a Comment